बिहार में एक लाख बच्चों के नाम विद्यालयों से कटे गये | Names of one lakh children were removed from schools in Bihar

पिछले दस दिनों में राज्य के सरकारी विद्यालयों में एक लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का नाम काटा गया है। नामांकन डुप्लिकेसी (एक से अधिक जगहों पर) खत्म करने तथा योजनाओं के गलत लाभ लेने को लेकर यह कार्रवाई की गई है। ये सभी ऐसे विद्यार्थी हैं, जो एक ही साथ सरकारी और निजी विद्यालयों में दाखिला लिये हुए हैं।

शिक्षा विभाग का जिलों को निर्देश है कि लगातार तीन दिनों तक विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों को नोटिस दें। उनके अभिभावक से बात करें और बच्चों को विद्यालय आने के लिए कहें। इसके बाद भी लगातार 15 दिनों तक विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों का नामांकन रद्द कर दें। शिक्षा विभाग को जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 13 सितंबर तक एक लाख, एक हजार 86 बच्चों का नाम कटा है। हालांकि, इस आंकड़े में चार जिले की रिपोर्ट शामिल नहीं है। इस तरह देखें तो यह आंकड़ा कुछ और बढ़ सकता है। ये सभी ऐसे बच्चे हैं, जिनका नाम इसी माह में काटा गया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने दो सितंबर को जिलाधिकारियों को दिये निर्देश में साफ कहा था कि लगातार 15 दिनों तक विद्यालय से अनुपस्थित रहने पर छात्र का नामांकन रद्द कर दिया जाए। अगर कोई छात्र-छात्रा तीन दिनों तक लगातार अनुपस्थित है तो उसे प्रधानाध्यापक के द्वारा नोटिस भेजा जाएगा। इसको लेकर जिलाधिकारियों को निर्देश था कि वह संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों के माध्यम से उक्त कार्य सुनिश्चित कराएं। पाठक ने यह भी कहा था कि हर विद्यार्थी की ट्रैकिंग की जाए और देखा जाये कि कहीं उसका एक ही साथ दो विद्यालयों में नामांकन तो नहीं है। ऐसे छात्र सरकारी विद्यालय से नाम कटने के डर से लगातार 15 दिनों तक अनुपस्थित नहीं रहते हैं और बीच-बीच में आते रहते हैं। ऐसे छात्र किसी निजी विद्यालय में नियमित रूप से जाते हैं। पर, सरकार की योजनाओं की राशि प्राप्त करने के लिए वह सरकारी विद्यालयों में भी दाखिला लिये हुए हैं। जिलों को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि कुछ छात्रों के तो राज्य के बाहर में भी रहने की सूचना है, जो सरकारी विद्यालयों में नाम लिखाये हुए हैं। मालूम हो कि जुलाई महीने से विद्यालयों का प्रतिदिन निरीक्षण कराया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान इस तरह की शिकायतें मिली रही हैं कि कई बच्चे दो विद्यालयों में नामांकित हैं। इस कारण भी सरकारी विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति कम रहती है।

शपथपत्र देंगे तो दोबारा नामांकन हो जाएगा
If you give an affidavit, your nomination will be done again

विद्यालयों से जिन बच्चों का नाम काटा गया है और वह फिर पढ़ने आते हैं तो ऐसी स्थिति में अभिभावक से शपथ पत्र लिया जाएगा। अभिभावक लिखित रूप से देंगे कि उनका बच्चा नियमित रूप से अब विद्यालय आएगा। इसके बाद बच्चे का दोबारा नामांकन हो सकेगा।

पश्चिम चंपारण व अररिया में सर्वाधिक नाम कटे गए हैं

जिलों की रिपोर्ट यह बताती है कि पश्चिम चंपारण और अररिया जिले में सबसे अधिक करीब दस-दस हजार बच्चों का नाम काटा गया है। वहीं, पटना में सात हजार बच्चों का नाम कटा है, जिनमें चार हजार ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय के हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि माध्यमिक-उच्च माध्यमिक की अपेक्षा प्रारंभिक विद्यालयों में अधिक बच्चों का नाम काटा गया है। इनमें सबसे अधिक 14,875 पांचवीं तथा 14,299 चौथी कक्षा के बच्चे हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post

WhatsApp/Telegram Group

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

BSEB STUDY NEWS टिम रोज़ाना अपने विवर के लिए Bihar Board और लेटेस्ट गवर्नमेंट जॉब सहित अन्य महत्वपूर्ण खबर पब्लिश करती है, इसकी जानकारी व्हाट्सअप और टेलीग्राम के माध्यम से प्राप्त कर सकतें हैं। हमारा यह आर्टिकल आपको उपयोगी लगा हों तो अपने दोस्तों को शेयर कर हमारा हौसलाफ़जाई ज़रूर करें।