कई साल से मैट्रिक व इंटर के रिजल्ट प्रकाशन में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति देशभर में रिकॉर्ड बना रहा है। इसे कायम रखने के उद्देश्य से अभी से ही बीएसईबी ने काम शुरू कर दिया है। मैट्रिक के लिए नालंदा में 10 समेत सूबे में 265 तो इंटर के लिए नालंदा में सात समेत राज्यभर में 198 मूल्यांकन केन्द्र बनाये जाएंगे।
26 फरवरी से इंटर तो एक मार्च से मैट्रिक की कॉपी जांच शुरू होगी। डीएम की देख-रेख में कई अहम शर्तों के साथ केन्द्र निर्धारण के लिए सभी डीईओ को पत्र भेजा गया है। मुख्य भाषा विषयों को छोड़ शेष सब्जेक्ट्स की कॉपियों का मूल्यांकन 15 दिन में पूरा करने का आदेश दिया गया है। लेकिन, इंटर में मुख्य भाषा अंग्रेजी व हिन्दी की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगभग पांच दिनों का अतिरिक्त समय लग सकता है। जबकि, मैट्रिक की भाषा विषयों का मूल्यांकन 15 दिन के अलावा तीन दिन अतिरिक्त समय लगने की संभावना है। जिला शिक्षा पदाधिकारी जियाउल होदा खान ने बताया कि परीक्षा व कॉपी मूल्यांकन पूरी तरह पारदर्शी माहौल में होगा। किसी भी सूरत में इन कार्यों में शिशिलता व अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
किन्हें दें प्राथमिकता
वैसे राजकीय अथवा राजकीयकृत प्लस-टू अथवा माध्यमिक स्कूलों को प्राथमिकता देने को कहा गया है, जहां कम से कम छह कम्प्यूटर चालू हालत में हैं। 100 से 200 परीक्षकों के बैठने और आवश्यक आधारभूत संरचनाओं का होना बहुत जरूरी है। सुलभ रूप से पेयजल की उपलब्धता के साथ ही पुरुष व महिला के लिए अलग-अलग शौचालय होने चाहिए। पिछले साल जिन स्कूलों मैट्रिक व इंटर की कॉपियों की जांच की गयी थी, सबसे पहले उन्हीं केन्द्रों को अवसर देना होगा। शर्त यह कि वहां किसी प्रकार की गड़बड़ी अथवा
संरचनाओं का अभाव न हो।
केन्द्र चयन की शर्तें
वैसे शैक्षणिक संस्थानों को कॉपी जांच के लिए चयन किया जाना है जहां पहले से छह कम्प्यूटर स्थापित हों। ऐसे में शीघ्र रिजल्ट देने में आसानी होगी। जिला कम्प्यूटर सेंटर सोसाइटी के तहत हर जिले के एक स्कूल को कम से कम 50 कम्प्यूटर दिया जा चुका है। माध्यमिक स्कूलों में आईसीटी लैब की स्थापना करने के लिए भी 10-10 कम्प्यूटर दिये गये हैं। इसके अलावा बीएसईबी ने भी हर जिले के स्कूल को एक-एक कम्प्यूटर उपलब्ध कराया है। दूसरे स्कूलों से कम्प्यूटर मंगाये जाने की स्थिति में ढुलाई खर्च का वहन बीएसईबी करेगी।
किस जिले में कितने मूल्यांकन केन्द्र बनेंगे ( इंटर- मैट्रिक)
26 फरवरी से इंटर तो एक मार्च से मैट्रिक की कॉपी जांच शुरू होगी। डीएम की देख-रेख में कई अहम शर्तों के साथ केन्द्र निर्धारण के लिए सभी डीईओ को पत्र भेजा गया है। मुख्य भाषा विषयों को छोड़ शेष सब्जेक्ट्स की कॉपियों का मूल्यांकन 15 दिन में पूरा करने का आदेश दिया गया है। लेकिन, इंटर में मुख्य भाषा अंग्रेजी व हिन्दी की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगभग पांच दिनों का अतिरिक्त समय लग सकता है। जबकि, मैट्रिक की भाषा विषयों का मूल्यांकन 15 दिन के अलावा तीन दिन अतिरिक्त समय लगने की संभावना है। जिला शिक्षा पदाधिकारी जियाउल होदा खान ने बताया कि परीक्षा व कॉपी मूल्यांकन पूरी तरह पारदर्शी माहौल में होगा। किसी भी सूरत में इन कार्यों में शिशिलता व अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
किन्हें दें प्राथमिकता
वैसे राजकीय अथवा राजकीयकृत प्लस-टू अथवा माध्यमिक स्कूलों को प्राथमिकता देने को कहा गया है, जहां कम से कम छह कम्प्यूटर चालू हालत में हैं। 100 से 200 परीक्षकों के बैठने और आवश्यक आधारभूत संरचनाओं का होना बहुत जरूरी है। सुलभ रूप से पेयजल की उपलब्धता के साथ ही पुरुष व महिला के लिए अलग-अलग शौचालय होने चाहिए। पिछले साल जिन स्कूलों मैट्रिक व इंटर की कॉपियों की जांच की गयी थी, सबसे पहले उन्हीं केन्द्रों को अवसर देना होगा। शर्त यह कि वहां किसी प्रकार की गड़बड़ी अथवा
संरचनाओं का अभाव न हो।
- मूल्यांकन केंद्र के निर्धारण के लिए बीएसईबी ने सभी डीईओ को भेजा पतपत्र
- कहा-पुराने सुविधायुक्त केन्द्रों को दें प्राथमिकता, दिक्कत वालों की जगह नये बनाएं
केन्द्र चयन की शर्तें
वैसे शैक्षणिक संस्थानों को कॉपी जांच के लिए चयन किया जाना है जहां पहले से छह कम्प्यूटर स्थापित हों। ऐसे में शीघ्र रिजल्ट देने में आसानी होगी। जिला कम्प्यूटर सेंटर सोसाइटी के तहत हर जिले के एक स्कूल को कम से कम 50 कम्प्यूटर दिया जा चुका है। माध्यमिक स्कूलों में आईसीटी लैब की स्थापना करने के लिए भी 10-10 कम्प्यूटर दिये गये हैं। इसके अलावा बीएसईबी ने भी हर जिले के स्कूल को एक-एक कम्प्यूटर उपलब्ध कराया है। दूसरे स्कूलों से कम्प्यूटर मंगाये जाने की स्थिति में ढुलाई खर्च का वहन बीएसईबी करेगी।
किस जिले में कितने मूल्यांकन केन्द्र बनेंगे ( इंटर- मैट्रिक)
- पूर्णिया-4 व 6, अररिया-3 व 4,
- किशनगंज-2 व 3, कटिहार-4 व 5,
- मुंगेर-4 व 6, जमूई-3 व 5,
- लखीसराय-3 व 4, शेखपुरा-3 व 3,
- खगड़यिा-2 व 5, बेगूसराय-6 व 8,
- भागलपुर-6 व 10, बांका-3 व 5,
- सहरसा-3 व 5, सुपौल- 4 व 5,
- मधेपुरा-6 व 5, मुजफ्फरपुर-8 व 8,
- सीतामढ़ी-5 व 5, वैशाली-8 व 10,
- वेस्ट चंपारण-5 व 6, ईस्ट चंपारण-7 व 7,
- शिवहर-2 व 2, दरभंगा-8 व 12,
- मधुबनी-7 व 8, समस्तीपुर-8 व 10,
- पटना-11 व 16, नालंदा-7 व 10,
- भोजपुर-5 व 8, रोहतास-8 व 12,
- बक्सर-3 व 5, कैमूर-3 व 5,
- गया-10 व 12, नवादा-5 व 6,
- औरंगाबाद-6 व 8, जहानाबाद-3 व 4,
- अरवल-3 व 3, सवरण-9 व 12,
- सीवान-6 व 10, गोपालगंज-5 व 7
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